Monday, August 16, 2010

उत्थान

देना है
भारत को नैतिक उत्थान,
तो कर दो-
संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित,
पढ़ाओ हिन्दी को,
अनिवार्यता के साथ
उच्चतम शिक्षा तक
कर दो-
गणित अनिवार्य उच्च शिक्षा तक
दे दो ऐच्छिकता,
शिक्षा में अंग्रेजी को
अरे !
कर के तो देखो
सम्पूर्ण विश्व देखेगा,
भारतीयता की चमक,
दुनिया फिर होगी झंकृत
अरे, ऐसा क्या हो गया
चमक गया सूरज
दुनियाँ में भारत का ।।
पा लेगा गौरवमय
विश्वगुरु पद।

1 comment:

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

बिलकुल सही बात है, हमारी शिक्षा व्यवस्था को बदलाव की जरूरत है, जब फ्रांस और जर्मनी जैसे देश अपनी भाषा के साथ कहां से कहां पहुंच गए तो हम क्यों नहीं